भारत जंगलों का देश कहा जाता है, ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं है क्योंकि यहां पर पेड़ पौधे और क्यारियां ज्यादा है बल्कि यहां की भारतीय परंपरा में ऐसा बताया गया है और लोगों को सिखाया गया है कि लोग पेड़ को पूजते हैं और उन्हें देवता का वास मानते हैं.
लोगों की पेड़ और पौधों के प्रति इस प्यार को ही जंग दोनों ने सराहा और यहां पर अपनी असीम कृपा बरसाए. इसीलिए कहा जाता है कि अगर दुनिया में कहीं स्वर्ग है तो वह भारत में ही है.
भारत हमेशा से ही मेडिकल क्षेत्र में सबसे आगे और सबसे धनवान रहा है. मेरी धनवान कहने का मतलब यह नहीं है कि मूल्य या रुपयों या डॉलर की बात हो रही हो. हमारे कहने का यह मतलब है कि भारत चिकित्सा जगत में सबसे अग्रणी और सबसे अमूल योगदान वाला देश रहा है. चिकित्सा शास्त्र की शुरुआत यहां पर ही सबसे पहले हुई और चिकित्सा के महारथी लोगों ने औषधि का प्रयोग भी सबसे पहले ही शुरू किया.

रामायण काल से ही इस बात का जिक्र आता है कि जब लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे तब भगवान राम के कहने पर हनुमान जी ने संजीवनी बूटी लंका से ले आकर यहां पर लक्ष्मण का उपचार किया था.
आज का ज़माना रामायण और रावण का तो नही, यहां पर लोगों को बहुत सारी बीमारियां और रूप हो जा रहे हैं. इसका एक सबसे प्रमुख कारण लोगों का खान-पान और उनका रहन-सहन है. आजकल की भागम भाग भरी दुनिया में लोग अपनी सेहत का ध्यान नहीं रख पा रहे हैं और अपने परिवार के ध्यान को रखने के लिए अर्थ प्रयास कर रहे हैं.
किंतु उसका परिणाम क्या होता है कि वह अपने शरीर के ऊपर जाओ ध्यान नहीं दे पाते और उनका शरीर, सबसे मूल्यवान चीज है वह रोगी हो जाता है और उसके बाद औषधि की तलाश में यहां वहां भटकते हैं.
आपको कुछ ऐसी औषधि हो और पेड़ पौधों के बारे में बताएंगे जिनका उपयोग करके आप अपने जीवन को तनाव मुक्त तथा दबाव मुक्त एवं रोग मुक्त कर सकते हैं

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बेल का पेड़
जी हां दोस्तों भगवान शिव को चढ़ाए जाने वाला बेल का पत्ता और उसका पेड़ इस दुनिया के सबसे उच्चतम औषधियों में से एक है, भारतीय परंपरा में बेल का उपयोग अधिकतर धार्मिक उपयोग में किया जाता है लेकिन बेल सबसे अच्छा फल और सबसे अच्छी उपचार योगी औषधि है जो कटनी एवं जलने पर उपयोग में लाई जाती है.
कई बड़ी औषधि कंपनियां इसका उपयोग टरमरिक के साथ साथ एक अच्छी औषधि युक्त क्रीम को बनाने में करती है. आज बिल के पेड़ों की उपयोगिता इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि आज के समय में हम कहीं ना कहीं किसी न किसी जगह चोट या जख्म की शिकार हो जाते हैं. ऐसे समय में अगर बेल का पेड़ आपके पास है तो आप केवल उसे रगड़ कर अपनी चोट पर रख देंगे या लगा लेंगे तो आपका सारा दर्द गायब हो जाएगा और आप की चोट जल्द ही ठीक हो जाएगी.
आज से अपने घर या आंगन में बेल के पेड़ को जरूर लगवाएं यह आपकी धार्मिक मान्यता और आपके शरीर दोनों के लिए अच्छा होगा.

बबूल का पेड़
जी हां दोस्तों, आपने एक बहुत ही शानदार धारावाहिक नीम का पेड़ जरूर सुना होगा और देखा भी होगा. जिसमें पंकज कपूर जो कि शाहिद कपूर के पिता, एक दास का किरदार करते हुए अमर हो गए और आज भी उस किरदार के लिए जाने जाते हैं. निश्चित ही वह नीम का पेड़ सबसे जानदार और औषधि युक्त साबित हुआ.
किंतु यहां पर हम नीम के पेड़ की नहीं बबूल के पेड़ की बात कर रहे हैं. बबूल का पेड़ भारतीय औषधियों में सबसे कारगर में से एक माना जाता है यह यहां पर गोंद बनाने और इसके साथ-साथ बहुत सारी आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग में लाया जाता है. बबूल के पेड़ से अगर आपको किसी भी प्रकार की अंतरिक गांव की आशंका हो या हो चुकी हो तो आप इसका इस्तेमाल करें और अपने आप को निरोगी बनाएं. बबूल की छाल से अगर आपको किसी भी प्रकार की खुजली या दाद की समस्या हो तो उसे रगड़ कर उस जगह पर लगा ले इसके बाद यह प्रक्रिया केवल 30 दिनों तक करने पर आपका वह हिस्सा सही हो जाएगा और आप निरोगी हो जाएग.

नीम का पेड़
दोस्तों हम लोग पहले भी नीम के पेड़ के बारे में बात कर चुके हैं लेकिन मेरे ख्याल से सभी को यह पता होगा कि नींद बहुत ही उपयोगी और बहुत ही औषधि युक्त पेड़ है आप सुबह अपने दांतो की सफाई अपने घर की सफाई, अपने घर में कीड़े मकोड़े और मच्छरों को भगाने के लिए इसके साथ-साथ अपनी ऊर्जा और अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए और नीम का तेल एवं उसकी छाल से अन्य घरों को बनाने और उसके पेड़ की लकड़ी से फर्नीचर एवं दूसरे अनोखी एवं सुंदर चीजों को बनाने में उपयोग कर सकते हैं.
नीम के पेड़ का उपयोग सदियों से किया जा रहा है लोग इसकी छालों को लेकर के अधिकतर समय हवन में या फिर अपने घर की किसी भी जलावन में उपयोग करते हैं. नीम का पेड़ आपको गर्मियों में छाया और सर्दियों में ठंडी से बचाता है. यह आपके आसपास की सारी की सारी ऑक्सीजन को फ़िल्टर कर, अच्छी शुद्ध और साफ हवा पहुंचाते हैं.
नीम के पेड़ की तो वैसे अधिकतर कई सारी अच्छाइयां है लेकिन इसकी सबसे बुरी बात यह है कि इसको खाने में इसका स्वाद बहुत ही कड़वा होता है. लेकिन जैसा कि पुराणों और धर्मों में कहा गया है कि जो जितना स्वाद में कड़वा होता है उसका फल उतना ही मीठा होता है.

बरगद का पेड़
बरगद के पेड़ का उपयोग अधिकतर समय दांतो की सफाई और दातों के रखरखाव उसके साथ साथ, गोद का निर्माण और कई अन्य सुविधाओं जैसे कि आंखों के रोग एवं अन्य इलाज में काम आता है. बरगद के पेड़ की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह हवा बहुत ही तीव्रता से ऑक्सिडाइज करता है, अगर बरगद का पेड़ आपके पास आपकी आपके लिए एक बहुत ही सुखद समाचार है. हो सकता है आपकी कई सारी समस्याएं दूर हो जाएगी.
पेड़ की विशेषता यह है कि यह अपने आप बहुत ही समय लगाता है लेकिन इसकी जड़ें जमी ई में होती है इसकी वजह से आसपास की जमीन और उसके आसपास के पेड़ पौधे आपस में जुड़ जाते हैं और मिट्टी को संभाल कर और पकड़ की रखते हैं जिससे की वर्षा की समय पेड़ों को और वहां की फसलों के साथ-साथ जमीन को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता.

पीपल का पेड़
हमारे यहां धार्मिक मान्यताओं में पीपल के पेड़ को एक विशेष स्थान दिया गया है. पीपल का पेड़ एक ऐसी मान्यता के रूप में माना जाता है जहां पर देवता निवास करते हैं. इसका प्रमुख कारण यह भी है कि पीपल का पेड़ ऑक्सीजन लेने और देने में उल्टा काम करता है.
पीपल के पेड़ के पास जाते हैं कब इस बात को महसूस करेंगे कि जिस प्रकार अन्य सभी पौधे सुबह के समय कार्बन डाई और रात को ऑक्सीजन छोड़ते हैं वहीं उसकी सीधी उलटी प्रक्रिया के तहत पीपल का पेड़ सुबह के समय ऑक्सीजन छोड़ता है और रात की समय कार्बन डाइऑक्साइड लेता है. तो अगर किसी ने आपको ऐसा बताया हो कि रात के समय पेड़ के नीचे नहीं सोते हैं तो आप उसको यह बात जरूर बताइएगा कि नहीं हम पीपल के पेड़ के नीचे जरूर सो सकते हैं क्योंकि यह और पेड़ों से अलग है.
पीपल के पेड़ का जिक्र बुद्धा समय में भी किया गया, कहां गया था कि जिस पेड़ के नीचे भगवान बुद्धा ज्ञान प्राप्त किया वह पेड़ पीपल का ही था. इसका केवल एक संयोग नहीं था बल्कि इसका एक धार्मिक और कर्मिक महत्व भी था. जैसा कि हमने पढ़ा किस पीपल का पेड़ औरों की अपेक्षा में उल्टी प्रक्रिया पर आता है इसी के कारण यह मानव जीवन के अत्यंत सफलता दायक है.
पीपल के पेड़ की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि अगर आपको अस्थमा का रोग है तो अधिकतर औषधियां और लोग आपको पीपल के पेड़ के पास या फिर उससे बनी दवाइयों का सेवन करने के लिए कहेंगे. इसके साथ-साथ पीपल का पेड़ आपकी त्वचा संबंधी सारी बीमारियों को दूर करने में सफल होगा.

अर्जुन का पेड़
यह पेड़ हृदय रोग संबंधी सारी बीमारियों को दूर करने में सक्षम है. इसका नाम अर्जुन का पेड़ इसलिए रखा गया क्योंकि एक समय मे महाभारत काल में अर्जुन अपना ध्यान एकत्र करने के लिए इस पेड़ के पास आकर बैठे. उन्होंने इस फल खाया और उसके बाद अपनी मुद्रा को पूरा किया और ध्यान लगा कर के अपने सभी कर्मों की शुरुआत और अंत इसी प्रकार से किया.
अर्जुन के पेड़ की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि बहुत ही कम पानी के साथ ही यह विकसित हो जाता है, इसी विशेषता के कारण इसे पुराने जमाने में अधिकतर इस्तेमाल और उपयोग में लाया जाता था. आज भी बहुत सी दवाइयां लोगों की सांस नली और उनकी त्वचा संबंधित बीमारियों को दूर करने का प्रयोग किया जाता है

पपीते का पेड़
भारतीय इतिहास और विश्व की सभी पन्नों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है हमारे यहां का पपीते का पेड़.
विशेषता यह है कि यह आपके पेट और आपकी त्वचा का ख्याल पूरी तरह से रखता है. पपीते को खा कर के आप काफी हल्का महसूस कर सकते हैं और अगर आप किसी प्रकार की व्यवस्था में है तो आप इस पेड़ का प्रयोग करके अपने आप को स्वयं सुरक्षित और अच्छा बना सकते हैं
मुझे उम्मीद है कि आप इस प्रकार के कई सारे पेड़ों के नाम जानते होंगे तो अगर आपको यह शीर्षक और यह टॉपिक अच्छा लगा तो प्लीज कमेंट करें.
हम आगे भी इस प्रकार की सहायता देने की कोशिश करेंगे हमारी यह शुरुआत आपको कैसी लगी और क्या आपके पास किसी प्रकार का अनुभव है जबकि आपने एक अच्छे पेड़ का उपयोग किया हो कृपया कमेंट बॉक्स में शेयर करें धन्यवाद
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